Bhagmati devi betari masturi bilaspur | भागमती देवी बेटरी मस्तुरी | मस्तुरी के बिलासपुर में तपस्या में बैठी चमत्कारी लड़की भागमती देवी | bilaspur tourist places | bilaspur picnit spots | masturi bilaspur tapasya me baithi tapiswini ladki bhagmati devi
Bhagmati devi betari masturi bilaspur
विश्व में भारत में अद्भुत लोगो कि कमी नहीं हैं, संसार के किसी न किसी जगह आपको अनेक एैसे लोग देखने को मिलेंगे जिनमें अलग अलग प्रकार की क्षमताएं हैं जो आपको आम जनता में देखने को नहीं मिलेगी विज्ञान के मुताबिक इनमें से कुछ लोगो की व्याख्या विज्ञान दे सकता हैं, पर कुछ लोगो के बारे में विज्ञान में भी कोई जवाब नहीं हैं, एैसे ही एक सख्शियत के बारे में हम जानेंगे । दोस्तो मैं छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जगहों की लोगो के कल्चर, खानपान और पर्यटक स्थलों की सैर करता रहता हूं मैने बहुत सारे अद्भुत लोगों से मुलाकात की हैं, एैसे से ही सैर करते हुए मैं एक दिन मस्तुरी के एक खुबसुरत से गांव बेटरी में पहुंचा जहां एक ग्रामीण भक्तिन से मेरी मुलाकात हुई जिनका नाम है, भागमति देवी इनका भक्ति स्थान बेटरी मस्तूरी में स्थित है, जो बिलासपुर जिले में हैं, इसकी दूरी जिला मुख्यालय से 33 कि.मी. है, और यहां 24 घंटे वाहन की उपलब्धता होती है,
भागमती देवी बेटरी मस्तुरी
भागमती देवी बेटरी गांव में मस्तूरी तहसील में लीलागर नदी के किनारे गांव से थोड़ी दूरी पर खेतों के पास एक छोटी सी कुटिया में तपस्या कर रही हैं, लोगो द्वारा भागमती देवी के इस तपस्या को देखते हुए इस स्थान पर मंदिर का निर्माण करवा दिया गया है, भागमती देवी 12 सालों से तपस्या में लीन हैं, कहा जाता हैं, वे 4 जनवरी 2010 से तपस्या में बैठी हुई हैं, रामसजीवन कश्यप और गंगोत्री जी के घर में जन्मी हुई अद्भुत बालिका भागमती बचपन से ही शांत स्वभाव और भक्ति आराध्य से जुड़ी रहने वाली बालिका थी । जब वे तपस्या में बैठी तब महज उनकी उम्र 15 साल थी । आज तपस्या करते हुए उनकी उम्र 27 साल हो गयी हैं, 15 साल की उम्र में लीलागर नदी के किनारे आकर तब स्थित घनघोर जंगल में आकर तपस्या करने गली इसे देखते हुए उनके माता-पिता अचम्भित हो गये और सर्वप्रथम एक ग्रामीण द्वारा उनका पता चला लोगो ने उनके घर वालों ने उन्हें बहुत समझानें की कोशिश की पर वे तप पर बैठ चुकी थी । और भगवान की अराधना में लीन हो चुकी थी । रामसजीवन कश्यप जी का कहना हैं, कि भागमती देवी रोज सुबह 4 बजे उठकर तपस्या में लीन हो जाती है, और रात के 12 बजे तपोसाधना से उठती है, उनके भोजन में सामान्य फल फुल, दूध आदि होता हैं, दुनिया के मोह-माया और चका-चौंध को त्यागकर भागमती देवी तपस्या में बैठी हैं,
मस्तुरी के बिलासपुर में तपस्या में बैठी चमत्कारी लड़की भागमती देवी
भागमती देवी जी के घर वालों का कहना है, कि भागमती देवी बचपन से ही भक्तिन थी भगवान की लीला में लगे रहना उन्हें पसंद था । लोगो का कहना हैं, कि बचपन से ही भागमती देवी जी के उपर देवी- देवताओं का वास था । भागमती देवी के माता- पिता से पुछने पर पता चला की उनके माता-पिता पहले इस बात को सुनकर काफी अचम्भित हुए और भगवान से प्रार्थना करने लगे कि वो ठीक हो । उनके माता-पिता का कहना हैं, कि भागमती देवी किसी से भी बातचीत नहीं करती हैं, वे सिर्फ अपने माता-पिता से रात में तपोसाधना से उठने के बाद बात करती हैं, भागमती देवी ने अपने तपोस्थान पर एक छोटे से शिवलिंग का हाथो से मिट्टी से निर्माण किया हैं, जिसका पुजन वे करती हैं, अब उनके माता-पिता का कहना हैं, कि वे भागमती देवी के शुभ जीवन की कामना करते हैं, और चाहते हैं, आने वाला जीवन अच्छा हो ।
My Experience
दोस्तों यह ट्रीप मेरे लिए एक बहुत नया अनुभव था । अब तक मैं सिर्फ पर्यटन स्थलों के बारे में लिखा करता था । पर पहली बार किसी व्यक्ति के बारे में लिखना मेरे लिए एक नया अनुभव था । भागमती देवी जी के भक्ति स्थान के बारे में बात करे तो इस जगह पर पिछले दो सालों में लोगो का आना जाना काफी बढ़ गया हैं, रायगढ़ के बाबा धाम की तरह बेटरी का यह भागमती देवी स्थान भी अब प्रचलित हो रहा है, यह स्थान लीलागर नदी के किनारे आम बस्ती से काफी दूरी पर स्थित हैं, यहां आने पर आपको शांति और आध्यात्म भाव का अनुभव जरूर होगा मेरा यहां पर्यटन का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा आशा करता हुं आपके लिए अनुभव अच्छा हो इस जगह के बारे और अधिक जानने के लिए आप मेरा युट्युब से जुड़ा वीडियों देख सकते हैं,
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