marhi mata mandir chhattisgarh | marhi mata mandir cg | marhi mata mandir bhanwartonk | मरही माता भनवारटंक बिलासपुर
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मरही_माता_भनवारटंक_बिलासपुर |
बिलासपुर जिले में जंगलों व पहाड़ो के बीच अमरकंटक हिल रेंज में भनवारटंक नामक गांव में निवास करती हैं एक दिव्य शक्ति जिन्हे सब मां मरही माता के नाम से जानते मां के चमत्कारो की कहानी बिलासपुर क्या पुरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है और छत्तीसगढ़ के हर कोने से मां के दर्शन के लिए श्रद्धालु आते हैं कहते हैं मां के पावन मंदिर में जब चलते हुए जब कोई मां के दर्शन के लिए आता हैं मां उनके सारे दुखो को हर लेती ट्रेनें जब यहां से गुजरती हैं मां इनकी रक्षा करती हैं और भी कई रोचक बातें इस अदृभुत मंदिर से जुड़ी हैं तो आइए जानते इस दिव्य मंदिर के बारे में ।
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यह मंदिर प्रकृति कि गोद में बसा हुआ एक हिल स्टेशन के समान प्रतीत होता हैं यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के भनवारटंक नामक जगह पर स्थित हैं जो बिलासपुर जिला मुख्यालय से लगभग 100 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं यह बिलासपुर से पेन्ड्रा रोड के रेलमार्ग पर स्थित हैं यहां रेल के अलावा आने के लिए कच्चा मार्ग भी हैं जो बेलगहना, खोंगसरा, केंवची से होते भनवारटंक आता हैं
marhi mata mandir bhanwartonk
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इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं जिसमें यह बताया जाता हैं कि मरही माता कहां से आयी कैसे प्रकट हुई कई लोगों का मानना हैं कि इस मंदिर के पास जो नीम का पेड़ मां मरही माता उसी पेड़ प्रकट होकर लोगो को अपने दर्शन दिये थे । इसके अलावा कहे जाने वाली एक और कहानी हैं कि 1980 के पहले इस मंदिर के बारे में किसी को पता नहीं था और जब 1982-1984 में नर्मदा एक्सप्रेस की दुर्घटना एक मालगाड़ी के साथ हुई थी तब यह जगह प्रकाश मे आई थी उस समय यहां रहने वाली आदिवासी जनजाति पेड़ो पर चुनरी व नारियल बांध कर रखती थी जब दुर्घटना के कारण यहां लोगो कि आवाजाही भीड़ बढ़ी तब लोगो ने इन आदिवासियों से पूछा की आप पेड़ो पर एैसे चुनरी नारियल बांधकर क्यों रखते हैं तब जवाब में उन्होनें कहा कि यह उनकी आराध्य देवी मरही माता का स्थान हैं और वे उनकी पुजा करते हैं और तब से ही यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना बढ़ गया । और आज एैसा है कि यहां हर दिन लगभग हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं मरही माता के दर्शन के लिए और आज भी जब भी यहां से ट्रेन गुजरती है तो ट्रेन का चालक ट्रेन की रफतार धीमी कर देता हैं और मरही माता को एक बार प्रणाम जरूर करता हैं और कहते हैं उस हादसे के बाद इस मार्ग पर एक भी हादसा नहीं हुआ हैं मरही माता अपने भक्तो की यात्रा को मंगलमय बनाये रखती हैं
मरही माता भनवारटंक बिलासपुर
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यहां लगभग हर सामान्य दिन मेलें जैसा माहौल होता है यह बिलासपुर जिले का प्रचलित पर्यटन स्थल हैं यहां घुमने आयें पर्यटक मरही माता के दर्शन के अलावा यहां के कुछ अन्य दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कर सकते है जिनमें शामिल हैं चांदनी जलाशय जो अरपा नदी मे बनता हैं यह जलाशय इस मंदिर से लगभग 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं इसके अलावा लक्ष्मणधारा जलप्रपात मरही माता मंदिर के रास्ते दाहिने ओर मंदिर से लगभग 5 कि.मी. दूर पहाड़ो पर बनता हैं । वैसे तो यह पुरी जगह ही खुद में एक पर्यटन स्थल हैं यहां हर दिन एैसा माहौल होता हैं जैसे मानों नवरात्रि आ गयी हो सच में यह पर्यटन स्थल बिलासपुर जिले का एक अदृभुत रत्न के रूप मे भनवारटंक में विदृमान हैं ।
My experience
मुझे इस छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के खुबसुरत प्रकृति के बीच बसी मां मरही माता के दरबार के दर्शन का दो बार अवसर प्राप्त हुआ हैं लेकिन हर बार इस मंदिर और इस जगह की खुबसुरती और भी बढ़ गई अगर आप इस दिव्य जगह पर पहले आ चुंके हैं तो कमेंट कर बताये अपना अनुभव हमें जरूर बतायें और एैसे ही और छत्तीसगढ़ के कुछ अनदेखे जगहों के बारे में पढ़ने के लिए हमारे ब्लाग छत्तीसगढ़ अनएक्सप्लोरड को सब्सक्राइब करना मत भुलिए धन्यवाद ।
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Inska Dusra Sthan Kota, Rajasthan me sir.
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