Hasdeo river korba sarguja | #Savehasdeo #river #chhattisgarh movement | महिलाओं द्वारा चिपको आन्दोलन | Hasdeo river sarguja korba surajpur chhattisgarh
Hasdeo river korba sarguja
हसदेव नदी छत्तीसगढ़ की मुख्य नदीयों में से एक है, हसदेव नदी का उदृगम कैमुर पहाडी़, सोनहत के पठार कोरिया से होता है, हसदेव नदी छत्तीसगढ़ के कोरिया, सूरजपूर, सरगुजा, कोरबा और जांजगीर-चांपा जिलों से होकर गुजरती है, यह छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध नदी महानदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, इस नदी का अधिकांश प्रवाह क्षेत्र उबड़-खाबड़ है। इसकी कुल लंबाई 176 कि.मी. है। हसदेव नदी के किनारे छत्तीसगढ़ के कई सांस्कृतिक केन्द्र स्थित है । जैसे - सर्वमंगला मंदिर, कनकी, मुक्तामणि नाम साहेब की समाधि स्थिली, मदनपूरगढ़ पर्यटन स्थल आदि । हसदेव नदी सरगुजा और कोरबा क्षेत्र के अधिकांश कृषि एवं अरण्य भाग को सिंचित करती है, छत्तीसगढ़ की यह नदी लोगो और अनेक जीवधारियों के लिए वरदान है, जिस पर कई जीवधारी एवं जनजातीय जीवन आश्रित है, हाल ही के दस सालो में हसदेव बेसिन एवं इसके आस-पास के जंगली क्षेत्रो में खनिज पदार्थों के अत्यधिक दोहन के कारण हसदेव नदी काफी प्रदूषित हो रही है, और आस-पास का जंगली जीवन प्रभावित हो रहा है, साथ ही जंगलों में रहने वाले जीव-जन्तु और जनजातीय लोगो का जीवन भी इससे प्रभावित हो रहा है।
#Savehasdeo #river #chhattisgarh movement
सर्वें के अनुसार हसदेव नदी छत्तीसगढ़ की एक प्रदूषित नदी है। जो किसी समय छत्तीसगढ़ के जीवजन्तुओं और लोगो का पालन पोषण करती थी । वह नदी आज प्रदूषित नदियों गिनी जाती है, इसका कारण कोरबा, चाम्पा, मनेन्द्र्रगढ़ जैसे औद्योगिक शहर है। इससे होने वाली हानियों को ध्यान में रखकर सरगुजा कोरबा कोरिया आस-पास के लोगों द्वारा हसदेव बचाओं आन्दोलन भी किया जा रहा है, जिसके लिए लगभग 10 सालों से प्रयास किया जा रहा है, खनिजों के दोहन की गतिविधियों के कारण लोगो का विरोध बढ़ता जा रहा है, सरकार द्वारा जंगलों को काटने के लिए दिये गये ओदशों को लोगो द्वारा नकारा जा रहा है, आज से 11 साल पहले 2011 में घाटबर्रा ग्राम सभा असेंबली में हसदेव अरण्य में चल रहे कोल के दोहन पर जंगल काटने के क्रियाओं को नकारा गया था, गांव के लोग आज भी सरकार के इन आदेशों को नकारते हैं, हसदेव अरण्य का जंगल लगभग 170000 हेक्टेयर में फैला हुआ है, जो लगभग 350 से भी अधिक प्रकार के जीवधारियों और विभिन्न जनजातीय लोगो का घर है, हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा लिये गये फैसले से एैसा अनुमान लगाया जा रहा है, कि लगभग 700 लोग बेघर हो जायेंगे और लगभग 20,000 पेड़ काटे जायेंगे । इसके लिये परसा कोल ब्लॉक राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को दिया गया है, और अदानी इन्टरप्राइजेस इसके ऑपरेटर होंगे।
महिलाओं द्वारा चिपको आन्दोलन
हसदेव अरण्य में रहने वाले लोगो और सूरजपूर सरगुजा कोरबा जिले के ग्रामीण महीलाओं द्वारा चिपको आन्दोलन किया जा रहा है, जिससे पेड़ पौधों को बचाया जा सके यह आन्दोलन तब प्रारंभ किया गया जब छत्तीसगढ़ सरकार ने परसा कोल ब्लॉक के दूसरे चरण के बेसिन कोल माईन्स को मंजूरी दे दी जिसे अदानी ग्रुप द्वारा ऑपरेट किया जायेगा । इसे देखते हुए लोगो में काफी आक्रोश है, और वह अपना गुस्सा सरकार पर निकाल रहे है, प्रसाशन के निर्णय का विरोध करते हुए, लोग बढ़ चढ़कर हसदेव को बचाने के इस आन्दोलन में हिस्सा ले रहे हैं, मेरा आपसे अनुरोध है, अगर आप छत्तीसगढ़ के निवासी हैं, या नहीं भी है, छत्तीसगढ़ की इस खुबसुरत नदी हसदेव और उसके आस-पास के अरण्य को नष्ट होने इस जंगल के जीवन को समाप्त होने से बचाने के लिए इस आन्दोलन में लोगो का समर्थन करें इसके लिए आपको सोशल मीडिय प्लेटफार्म में जाकर सेव हसदेव का हेसटैग इस्तेमाल करके पोस्ट करें टिव्ट करें और अधिक से अधिक लोगो को पोस्ट में टैग करें ताकि प्रशासन और सरकार को इस बात का अंदाजा हो और हसदेव अरण्य की पारिस्थितिकी को समय रहते बचाया जा सके धन्यवाद।
You can find some attractive blog post's about chhattisgarh's hidden facts down below so don't forget to check them out Thank You!
Comments
Post a Comment