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नरसिंह गंगा | Narsinha ganga | नरसिंह गंगा, कोरबा, छत्‍तीसगढ़ | नरसिंह गंगा, कोरबा


नरसिंह गंगा


नरसिंह_गंगा
नरसिंह_गंगा

ईरफ पहाड़ी श्रृंखला में बसा हुआ यह अद्भुत पर्यटन स्‍थल नरसिंह गंगा के नाम से पुरे छत्‍तीसगढ़ में प्रसिद्ध हैं। प्रकृति की गोद में बसा हुआ कोरबा जिले का यह अनमोल रत्‍न आज बिल्‍कुल गायब सा हो गया है। यह खुबसुरत सा पर्यटन स्‍थल अपने प्रकृति से घिरे पहाड़ो के बीच एक खुबसुरत झरने को गोद में लिए हुए लोगो के बीच काफी प्रसिद्ध है। यह पर्यटन स्‍थल कोरबा जिले के चैतमा से लगभग 11 कि.मी. की दूरी पर ईरफ के पास स्थित हैं जो बिलासपुर से लगभग 75 कि.मी. कि दूरी पर स्थित हैं । पलामु पहाड़ पर बसे इस खुबसुरत झरने एवं यहां की वादियों एवं मंदिरों को देखने पहले छत्‍तीसगढ़ से उडि़सा से और मध्‍यप्रदेश से भी लोग आते थे।

Narsinha ganga


Narsinha_ganga
Narsinha_ganga


नरसिंह_गंगा_कोरबा
नरसिंह_गंगा_कोरबा

यहां लोग कार्तिक पुर्णिमा और माघी पुर्णिमा को भगवान नरसिं‍ह की पुजा करने आते है। साथ ही शिवरात्रि को यहां लोगो की काफी भीड़ होती हैं। यहां अक्‍सर लोग पिकनिक वनभोज आदि के लिए आते ही रहते हैं। साथ ही यहां पलमार्इ्रन दाई और शिवजी का छोटा सा मंदिर भी हैं। कार्तिक, माघ और शिवरात्रि मे यहां मेला भी लगता है। इरफ के बुजुर्ग कहते हैं की यह मंदिर लगभग 500 फीट की उंचाई पर स्थित हैं जहां यह झरना उद्गमित हेाता हैं। जिसे नरसिंह गंगा कहते हैं इसके नाम से ही यह पर्यटन स्‍थल कोरबा जिले में काफी प्रसिद्ध हैं यहां के पुजारी अमारु सिंह जी का कहना हैं पलमाईन दाई यहां के लोगो की आराध्‍य देवी हैं जिनके दर्शन के लिए लोग यहां दूर-दूर से यहां आते हैं साथ लोगो की यह भी मान्‍यता है की इस झरने का पानी बहुत पवित्र है कहा जाता है कि अगर व्‍यक्ति यहां निस्‍वार्थ भाव से मन्‍नत मांगने आते हैं और झरने के नीचे खड़े होकर स्‍नान करते हैं तो उनकी मनोकामना जरूर पुरी होती हैं। लेकिन साथ ही यह भी कहा जाता हैं अगर व्‍यक्‍ति स्‍वार्थी मन से यहां आता है तो झरने का पानी उन पर नहीं गिरता हैं 

नरसिंह गंगा, कोरबा, छत्‍तीसगढ़


नरसिंह_गंगा_कोरबा_छत्‍तीसगढ़
नरसिंह_गंगा_कोरबा_छत्‍तीसगढ़

कहा जाता है कि इस झरने का पानी 12 महीने में एकसमान गति से गिरता रहता इसमें कभी कोई कमी नहीं होती हैं। पानी हर उतना ही होता है और इस झरने का पानी कहां से आता हैं यह आज भी आश्‍चर्य का विषय बना हुआ इसके झरने के उपर पलामु पहाड़ की चोटी पर पहुंचने का एक पहुंच मार्ग भी है। जहां दो तरीको से पहुंचा जा सकता हैं। एक रास्‍ता सीढि़यों से होते झरने के रास्‍ते उपर तक लोगो द्वारा बनाये गये रास्‍ते से होकर जाता है। और एक रास्‍ता इस 100 एकड़ में विस्‍तृत पहाड़ की चों‍टी के दूसरे रास्‍ते होकर जाता हैं इस दूसरे रास्‍ते पर भी पेवड रोड का निर्माण किया गया जिसकी हालत काफी खराब हैं। और इस दूसरे तरफ भी एक झरने का निर्माण होता हैं। जिसे बाल गंगा कहते हैं। 

 My experience

दोस्‍तो भले ही इस पर्यटन स्‍थल में पर्यटकों का आना कम हो गया हो भले ही यहां आने के रास्‍ते जर्जर हो चुके हो और यहां पहुंचना कितना भी कठिन हो पर फिर भी लोग इस खुबसुरत से कोरबा जिले के पर्यटन स्‍थल में प्रकृति के रूबरू होने इस सुंदर पहाड़ो से घिरे झरने के दर्शन के लिए जरूर आते हैं और आते रहेंगे मेरा इस जगह के साथ अनुभव काफी अच्‍छा रहा और मैं आपको बिल्‍कुल इस पर्यटन स्‍थल का सुझाव दु्ंगा आपके अगले पिकनिक के लिए अपने दोस्‍तो और फैमिली के साथ आप भी इस जगह का आनंद ले सकते हैं। तो दोस्‍तो जब भी आप यहां जाये हमशे अपना अनुभव जरूर साझा करें और इस जगह से जुड़ा मेरा युट्युब विडियो नीचे दिया हुआ तो उसे देखना ना भूले धन्‍यवाद।


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